गुरुवार, 21 अप्रैल 2011

अजब-गजब-6



विलक्षण प्रतिभा– बिहार की राजधानी पटना का रहने वाला अवतार तुलसी विलक्षण प्रतिभा का धनी है। अवतार ने मात्र 9 वर्ष की उम्र में हाई स्कूल की परीक्षा पास कर ली। दस वर्ष की उम्र में बैचलर डिग्री और बारह वर्ष की उम्र में पोस्टग्रैजुएशन डिग्री प्राप्त कर अवतार ने बहुत नाम कमाया। मात्र 21 वर्ष की उम्र में उसने भौतिक विज्ञान में पी.एच.डी की डिग्री हासिल कर ली। उसका नाम सबसे कम उम्र के पोस्टग्रजुएट के तौर पर ‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्डस’ में दर्ज है। 
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गणितज्ञ मुर्गी–  बच्चो, हम कभी सोच भी नहीं सकते कि मुर्गी जैसा कोई जानवर अंक-गणित का थोड़ा सा भी ज्ञान रख सकता है। मगर चीन के शेनयांग प्रांत में एक मुर्गी है जो सरल अंक-गणित जानती है। मुर्गी के मालिक का कहना है कि जब वह बोर्ड पर अंकों की ओर संकेत करके मुर्गी से सवाल पूछता है तो वह अपनी चोंच से सही स्थान पर ‘ठक’ करके सरल गणनाओं के सही उत्तर दे देती है। 
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नाक का उपयोग– हम अपने नाक का प्रयोग साँस लेने के अतिरिक्त सूँघने के लिए ही करते हैं। लेकिन चीन के अनहुई राज्य का एक चीनी कलाकार नाक का उपयोग पेय पदार्थों को पीने के लिए भी कर लेता है।

                                      

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गुरुवार, 7 अप्रैल 2011

छतरी की यात्रा-2


देवदार से बात कर छतरियाँ आगे की ओर उड़ने लगीं। अचानक उन्हें तड़ाक-तड़ाक की आवाज सुनाई दी। बात यह थी कि सोयाबीन की फली चटकी थी। सोयाबीन का बच्चा फली से बाहर कूदा।

 
बाहर कूदते ही बच्चा जमीन पर गिर पड़ा और सो गया। जब वह जागा तो उसमें से अंकुर निकला।

छतरियाँ आगे की ओर उड़ती रहीं। एक छतरी तो बहुत आगे निकल गई। जब वह तालाब के सामने से गुजरी तो देखा कमल पर एक फव्वारे जैसा फल लगा हुआ है और उसमें बहुत सारे बीज भी हैं।


फिर ‘गड़प’ करके कमल का फल पानी में गिर गया। कमल ने छतरी को बताया, धीरे-धीरे इसका छिलका सड़ जायेगा। फिर बीज पानी की सतह पर तैरते हुए दूर चले जायेंगे।


 
देर तक सफर करने के बाद छतरी थक गई। वह एक मैदान में उतरी और आराम करने लगी।

हवा चलती रही और उसने ‘छतरी’ को मिट्टी की चादर ओढ़ा दी। सूरज उसे धूप से सेंक देता रहा। बादल उसे पानी पिलाता रहा। कुछ दिनों बाद छतरी जागी और उसने अपना सिर मिट्टी से बाहर निकाला। धीरे-धीरे उसमें से पत्तियाँ निकल आईं और वह ककरौंधे का पौधा बन गई।
ककरौंधे के पौधे ने अपनी आँख खोली तो देखा कि उसके पास एक गोखरू का पौधा उगा हुआ है। ककरौंधे ने पूछा, गोखरू भाई, आप यहाँ किस तरह आए?


 
गोखरू ने मुस्कराते हुए कहा, जब तुम उड़ीं तो मैं बहुत उदास हो गया। उसी समय एक हिरन दौड़ता हुआ वहाँ से गुजरा। मैं उसके शरीर से चिपक गया और उसके साथ-साथ यात्रा करने लगा। यहाँ आकर उसने अपने शरीर को खुजलाया और मुझे गिरा दिया।


ककरौंधे के पौधे ने खुशी से हँसते हुए कहा, वाह! वाह! कितनी दिलचस्प बात है कि आप हिरन पर सवार होकर यात्रा करते हो।
वे अच्छे दोस्त हैं। अब वे एक ही जगह रहते हैं और बहुत खुश हैं।