रविवार, 19 सितंबर 2010

टमाटर


सुंदर-सुंदर लाल टमाटर

खाने को मन करता,

खट्टा-मीठा इसका स्वाद

सब का मन है हरता।


मम्मी इसको सब्जी कहती

‘मैम’ है कहती फल,

छोटी बहना मेरी इसको

कहती सदा टमाटल।


मम्मी सूप पिलाती इसका

और सलाद में देती रहती,

सॉस टमाटर का खाने को

हमारी लार टपकती रहती।

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रविवार, 5 सितंबर 2010

बाघ




लाल-पीला मिला हुआ रंग
ऊपर काली धारी।
कहीं-कहीं पर फिरी सफेदी
यह पहचान हमारी।

शरीर बहुत है लंबा
है भी भारी भरकम।
दौड़ तो बहुत तेज लगाते
पर जल्दी फूले दम।

सांभर, चीतल, भैंसे जंगली
बनें खुराक हमारी।
राष्ट्रीय-पशुकी मिली उपाधि
यह है शान हमारी।
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