शैलेश होमवर्क कर रहा था कि कुछ गलत लिखा गया। गलत लिखे को मिटाने के लिए उसने अपने ज्योमैटरी-बाक्स में से इरेजर लेने को हाथ मारा। मगर इरेजर तो वहाँ था ही नहीं, शायद स्कूल में रह गया था। शैलेश परेशान हो गया। इरेजर तो हर बच्चे के लिए आवश्यक है। बच्चे हो, गलत तो लिखा ही जाता है। इरेजर ही आपकी गलती को मिटाता है। आओ आज देखें कि इरेजर आपके लिखे को मिटाता कैसे है।
आप ये तो जानते ही होंगे कि जिस पेंसिल से आप लिखते हो वह कैसे बनती है। नहीं पता तो हम बता देते हैं। गहरे कार्बन ग्रेफाइट को मिट्टी के साथ मिला कर उससे लैड बनाते हैं। इस लैड को लकड़ी के एक लंबे होल्डर में फिट किया जाता है। फिर उसे आपकी पेंसिल के साइज के टुकड़ों में काट दिया जाता है। रंगीन पेंसिल बनाने के लिए ग्रेफाइट के स्थान पर रंगीन सामान प्रयोग किया जाता है।
हाँ, तो बात कर रहे थे कि इरेजर पेंसिल के लिखे को मिटाता कैसे है? बच्चो, आप जब पेंसिल से कागज पर लिखते हो तो वह कार्बन के कण छोड़ती हुई लिखती जाती है। कार्बन के ये कण लिखे हुए अक्षरों में छिपे होते हैं। यह भी कह सकते हैं कि अक्षर कार्बन के कणों से ही बने होते हैं। इरेजर से रगड़ने पर कार्बन के कण इरेजर की नरम और मुलायम सतह से चिपक जाते हैं। फिर वे इरेजर के कणों के साथ मिल कर कागज पर आ जाते हैं। इरेजर से मिटाने के बाद इन्हीं कणों को आपको कागज पर हाथ फेर कर हटाना पड़ता है। इस तरह पेंसिल का लिखा मिट जाता है।
बच्चो, पेंसिल का लिखा तो साधारण इरेजर से मिट जाता है। लेकिन स्याही से लिखा इससे नहीं मिटता। पेन से लिखने पर कागज स्याही को चूस लेता है। इस लिए इसे मिटाने के लिए रेत वाले इंक-इरेजर का प्रयोग किया जाता है।
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10 टिप्पणियां:
बच्चों के लिए ज्ञानवर्धक जानकारी।
नई जानकारी के लिए धन्यवाद।
काम की जानकारी मिली बच्चों को !!
न केवल बच्चों के लिये पर यह तो बड़ों के लिये भी जानकारी की बात है।
वाह हमे तो पता ही नहीं था धन्यवाद्
बालकों के लिए अत्यन्त ज्ञानवर्धक!!!
कमलेश जी,मेघा जी,संगीता पुरी जी,उन्मुक्त जी, निर्मला कपिला जी व ‘वत्स’ जी ब्लाग पर आने व अपनी राय व्यक्त करने के लिए आप सब का बहुत बहुत धन्यवाद।
अत्यन्त बढ़िया लेख
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1. विज्ञान । HASH OUT SCIENCE
2. चाँद, बादल और शाम
3. तकनीक दृष्टा
वास्तव में ही बच्चों के लिए आवश्यक जानकारी है।
सभी के लिए मनोरंजक जानकारी।
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