शुक्रवार, 24 जुलाई 2009
कुत्ते पागल क्यों हो जाते हैं?
कुत्ते लगभग हर जगह होते हैं। उसे मनुष्य का सबसे वफादार मित्र माना जाता है। बहुत से लोग उन्हें पालते भी हैं।लेकिन अगर कहीं कुत्ता पागल हो जाए तो बहुत खतरनाक हो जाता है। पागल कुत्ते द्वारा काटे जाने पर सही व समय पर इलाज जरूरी हो जाता है। ऐसा न होने पर व्यक्ति की मौत भी हो सकती है।
कुत्ता पागल होता कैसे है? वास्तव में जिस कुत्ते को ‘रेबीज’ नामक रोग हो जाए, उसे ही पागल कुत्ता कहते हैं। रेबीज’ का रोग एक प्रकार के वायरस के कारण होता है। यह वायरस हवा में से या किसी जंगली जानवर से कुत्ते तक पहुँचता है। कुत्ते की चमड़ी पर हुए किसी घाव द्वारा यह उसके शरीर में प्रवेश कर स्नायु तंत्र तक पहुँच जाता है। यहाँ इस वायरस की संख्या तेजी से बढ़ती है। इससे मस्तिष्क की कोशिकाएँ बुरी तरह प्रभावित होती हैं।
‘रेबीज’ से प्रभावित कुत्ते को बुखार रहता है तथा वह सुस्त रहता है। भोजन में भी उसकी रुचि नहीं रहती। चार से छ: सप्ताह में यह वायरस कुत्ते के मस्तिष्क को अपनी चपेट में ले लेता है। तब कुत्ता उत्तेजित हो जाता है। उसके मुख से झाग निकलने लगते हैं। वह जोर-जोर से भौंकता भी है। इस समय वह बिना कारण किसी को भी काट सकता है। यही उसकी पागलपन की स्थिति है। इन लक्षणों के दिखाई देने के बाद कुत्ता एक सप्ताह के भीतर मर जाता है। पागल कुत्ते से बचाव बहुत जरूरी है। अगर कहीं पागल कुत्ता काट ले तो तीन दिन के भीतर डाक्टर की सलाह से एंटी रेबीज टीके लगवा लेने चाहिएं।
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4 टिप्पणियां:
jankari ke liye thanks
jankari ke liye thanks
Mere gyan mein badhotri hui,dhanyawad.
यह जानकारी बहुत उपयोगी है ।
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