बच्चो, आपने कभी न कभी अंधेरे में बैठी हुई बिल्ली को अवश्य देखा होगा। आपको उसका शरीर तो अंधेरे में दिखाई नहीं दिया होगा। परंतु उसकी चमकती पीली आँखें जरूर दिखाई दी होंगी। सवाल उठता है कि इनकी आँखें अंधेरे में चमकती क्यों हैं?
बिल्ली की आँखों में एक विशेष पारदर्शी द्रव्य की पतली-सी परत होती है। इस परत को ‘ल्यूमिनस टेपटम’ कहते हैं। यह परत अपने पर पड़ने वाली हल्की-सी रोशनी को भी परावर्तित कर देती है। इस परावर्तित (वापस लौटी) रोशनी के कारण ही बिल्ली की आँखें हमें चमकती हुई दिखाई देती हैं। इस परत के कारण ही बिल्ली बहुत कम रोशनी में भी साफ-साफ देख सकती है। बिल्ली के अलावा शेर व बाघ जैसे कई अन्य जानवरों की आँखें भी अंधेरे में चमकती हैं।
विभिन्न जानवरों की आँखों की चमक का रंग भिन्न होता है। ऐसा उनकी आँखों में मौजूद रक्त धमनियों की संख्या पर निर्भर करता है। रक्त धमनियों की संख्या अधिक होगी तो चमक का रंग लाल होगा। यदि रक्त धमनियों की संख्या कम होगी तो चमक का रंग हल्का पीला या सफेद होगा।
ऐसी आँखों वाले जानवर जो अंधेरे में स्पष्ट देख सकते हैं, उन्हें ‘नॉक्टूर्नल’(रत्रिकालिक) कहलाते हैं।
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5 टिप्पणियां:
‘ल्यूमिनस टेपटम’ वाह यह तो नई जानकारी है .
आपके लेख को पढ़ कर नई जानकारी मिली,धन्यवाद।
Rachna pasand aayee.
अच्छी जानकारी है !!
इस जानकारी के लिए शुक्रिया ..
मेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति
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