बच्चों के निर्मल मन की गहराइयों तक उतरने की चाह
सीढ़ी लगी चाँद तक देखी,
तो चूहे ने करी चढ़ाई।
भूरी बिल्ली दिखी वहाँ तो,
वापस दौड़ लगाई।
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वाह...डर गया न
चलिए भाई ! बिल्ली न होती तो चूहा भी चाँद की सैर कर आता । बेचारे को मौका मिलते -मिलते रह गया ।
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वाह...डर गया न
चलिए भाई ! बिल्ली न होती तो चूहा भी चाँद की सैर कर आता । बेचारे को मौका मिलते -मिलते रह गया ।
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