नभ में देख हजारों तारे, मुन्ना सोचता रहता। क्या चीज है, किसकी है? जवाब खोजता रहता। ये क्या दादी, मुझे बताओ, जो ऊपर दिखरे है। दादी बोली-प्यारे बच्चे, ये तो मोती बिखरे हैं। मुन्ना बोला-नहीं ये मोती, तू माने न माने । बिखर गए चंदा-मामा से, मकई के फूले दाने। ***** |
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2 टिप्पणियां:
बहुत ही प्यारी है ये कविता
बहुत सुन्दर
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