श्याम सुन्दर अग्रवाल
टीवी देख चुहिया को चढ़ गया,
फैशन का तेज बुखार ।
चूहे से वह कड़क के बोली,
मुझे लेकर चलो बाज़ार ।
फैंसी वस्त्र, सुंदर गहने,
मुझको तुम बनवा दो ।
फैशन शो में जाऊँगी मैं,
सबको तुम बतला दो ।।
तंग वस्त्र जब पहन चली,
तो राह में लग गया जाम ।
फैंसी सैंडल धोखा दे गये,
वह सड़क पर गिरी धड़ाम।
हाथ-पाँव तुड़वाकर दोनों,
वह जा पहुँची अस्पताल ।
दो टीके जब लगे शरीर पर,
तो बुरा हो गया हाल ।
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4 टिप्पणियां:
ha ha ha ha ha ha ha ha
बहुत सुंदर.
bachpan ke din bhi kya din the
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