बादल भैया बादल भैया आओ नाचें ता ता थैया http//:gazalkbahane.blogspot.com/या http//:katha-kavita.blogspot.com पर कविता ,कथा, लघु-कथा,वैचारिक लेख पढें कृपया वर्ड वैरिफिकेशन की कष्टकारी एवं उबाऊ प्रक्रिया हटा दें
बचपन:- यह शब्द हमारे सामने नन्हे-मुन्नों की एक ऐसी तस्वीर खिंचता हैं, जिनके हृदय में निर्मलता, ऑखों में कुछ भी कर गुजरने का विश्वास और क्रिया-कलापो में कुछ शरारत तो कुछ बडों के लिए भी अनुकरणीय करतब।
7 टिप्पणियां:
नन्हें -मुन्नों की भाषा में सरल और आसान कविता ।
बादल भैया बादल भैया
आओ नाचें ता ता थैया
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waah waah waah waah
har man ke bhitar ek nanhaa bachchaa hota hai ,bachapan kabhi nahi marta hai .blog sundar hai badhaai ho .
आप की रचना प्रशंसा के योग्य है . आशा है आप अपने विचारो से हिंदी जगत को बहुत आगे ले जायंगे
लिखते रहिये
चिटठा जगत मैं आप का स्वागत है
गार्गी
bachche man ke sachche.narayan narayan
बचपन:- यह शब्द हमारे सामने नन्हे-मुन्नों की एक ऐसी तस्वीर खिंचता हैं, जिनके हृदय में निर्मलता, ऑखों में कुछ भी कर गुजरने का विश्वास और क्रिया-कलापो में कुछ शरारत तो कुछ बडों के लिए भी अनुकरणीय करतब।
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