श्याम सुन्दर अग्रवाल शादी का मिला निमंत्रण, तो मोटू राम गये बारात । फल कोई उनको न जंचा, और न ही दाल और भात । दो प्लेट जलेबी खाई, और खाई रसमलाई । आइसक्रीम खूब छक गये, और उड़ाई सभी मिठाई । दोना भरकर रबड़ी खा ली, तो तन गया उनका पेट । दर्द से लगे जब एंठने, तो धरती पर गये लेट । एम्बूलेंस में लेटकर, वे पहुँचे अस्पताल । हफ्ता भर करनी पड़ी, मोटू को भूख हड़ताल । -0- |
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1 टिप्पणी:
बच्चों के लिए सार्थक रचनाओं का अभाव है ।बाल-संसार की प्रस्तुति नए आयाम स्थापित करेगी , ऐसी आशा है ।
रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
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