गुरुवार, 25 जून 2009

बिल्ली-चूहा




आगे-आगे चूहा दौड़ा,

पीछे-पीछे बिल्ली।

भागे-भागे, दोनों भागे,

जा पहुँचे वो दिल्ली।




लाल किले पर पहुँच चूहे ने,

शोर मचाया झटपट।

पुलिस देखकर डर गई बिल्ली,

वापस भागी सरपट।

3 टिप्‍पणियां:

विनोद कुमार पांडेय ने कहा…

हा हा हा,मज़ा आ गया,
आपने तो बचपन की बातें याद दिला दी.
बहुत नटखट गीत,मनमोहक कविता.

परमजीत सिहँ बाली ने कहा…

bahut sundar!!

Udan Tashtari ने कहा…
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