बच्चों के निर्मल मन की गहराइयों तक उतरने की चाह
आगे-आगे चूहा दौड़ा,
पीछे-पीछे बिल्ली।
भागे-भागे, दोनों भागे,
जा पहुँचे वो दिल्ली।
लाल किले पर पहुँच चूहे ने,
शोर मचाया झटपट।
पुलिस देखकर डर गई बिल्ली,
वापस भागी सरपट।
हा हा हा,मज़ा आ गया,आपने तो बचपन की बातें याद दिला दी.बहुत नटखट गीत,मनमोहक कविता.
bahut sundar!!
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3 टिप्पणियां:
हा हा हा,मज़ा आ गया,
आपने तो बचपन की बातें याद दिला दी.
बहुत नटखट गीत,मनमोहक कविता.
bahut sundar!!
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