भारी बस्ता उठा के रस्ता, कैसे भी तय करना है। पढ़ना है जी पढ़ना है पढ़-लिख आगे बढ़ना है।
माँ-बापू को मिलें सभी सुख, भूखे अब नहीं मरना है। लड़ना अपने हक की खातिर, नहीं किसी से डरना है।
नया ज्ञान पा कर के हमको, हर दुश्मन से लड़ना है। पढ़ना है जी पढ़ना है, पढ़-लिख आगे बढ़ना है। ***** |
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6 टिप्पणियां:
आगे बढ़ना है तो पढ़ना तो पड़ेगा ही। सही संदेश देती एक अच्छी कविता।
बच्चों के लिए शिक्षाप्रद कविता, बधाई.
कविता अच्छी लगी, ब्लॉग की रचनाएं सार्थक होती हैं।
शिक्षाप्रद कविता, बधाई
शिक्षाप्रद कविता, बधाई
शिक्षाप्रद कविता, बधाई
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