सोमवार, 3 अगस्त 2009

बिल्ली दिखलाए करतब



बिल्ली बोली– आओ देखो,

दिखलाऊँ मैं करतब।

नहीं लगेगा पैसा कोई,

पास में आकर देखो सब।


चूहा बोला– बिल्ली मौसी,

तेरे पास न आए कोई,

जो तेरे झाँसे में आया,

गया पेट में वो ही।


कितने भी करतब दिखलाओ,

कितनी भी बनो सयानी।

आखिर तो तुम बिल्ली हो,

रहोगी चूहे खानी।

*****

8 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…

ha ha ha
maza aaya...............

परमजीत सिहँ बाली ने कहा…

सुन्दर बाल गीत।बधाई\

अजय विश्वास ने कहा…

अलबेला खत्री जी व परमजीत बाली जी, ब्लाग पर आने तथा अपनी राय व्यक्त करने के लिए धन्यवाद।

Unknown ने कहा…

कविता के माध्यम से बच्चों को अच्छा संदेश दिया है आपने।

Unknown ने कहा…

Bahut hi pyari kavita hai.

अजय विश्वास ने कहा…

अशोक जी व कमलेश जी ब्लाग पर आने के लिए धन्यवाद।

Unknown ने कहा…

बच्चों के लिए मनोरंजक तथा शिक्षाप्रद गीत है।

सहज साहित्य ने कहा…

कविता के साथ चित्र के उपयुक्त संयोजन ने और चार चाँद लगा दिए हैं ।