बिल्ली दिखलाए करतब
बिल्ली बोली– आओ देखो, दिखलाऊँ मैं करतब। नहीं लगेगा पैसा कोई, पास में आकर देखो सब।
चूहा बोला– बिल्ली मौसी, तेरे पास न आए कोई, जो तेरे झाँसे में आया, गया पेट में वो ही।
कितने भी करतब दिखलाओ, कितनी भी बनो सयानी। आखिर तो तुम बिल्ली हो, रहोगी चूहे खानी। ***** |
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8 टिप्पणियां:
ha ha ha
maza aaya...............
सुन्दर बाल गीत।बधाई\
अलबेला खत्री जी व परमजीत बाली जी, ब्लाग पर आने तथा अपनी राय व्यक्त करने के लिए धन्यवाद।
कविता के माध्यम से बच्चों को अच्छा संदेश दिया है आपने।
Bahut hi pyari kavita hai.
अशोक जी व कमलेश जी ब्लाग पर आने के लिए धन्यवाद।
बच्चों के लिए मनोरंजक तथा शिक्षाप्रद गीत है।
कविता के साथ चित्र के उपयुक्त संयोजन ने और चार चाँद लगा दिए हैं ।
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