शुक्रवार, 12 जून 2009

कुकड़ू-कूँ







चिड़िया
करती चीं-चीं-चीं,

करे कबूतर गुटरु-गूँ

सुबह-सवेरे हमें जगाता,

बोल के मुर्गा कुकड़ू-कूँ

3 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…

waah
waah
manbhaavan
maasoom
pyaali pyaali kavita.......

श्यामल सुमन ने कहा…

सुन्दरम्। वाह।।

सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.

बेनामी ने कहा…

बात तो सही है भई....

साभार
हमसफ़र यादों का.......