रविवार, 7 मार्च 2010

मुन्नी की गुड़िया





रतन चन्द रत्नेश


मेले से लेकर आयी

मुन्नी एक गुड़िया।

रात होते ही जो

बन जाती थी बुढ़िया।


हमने पूछा मुन्नी से

बुढ़िया कैसे बनती गुड़िया।

कहने लगी खिलाती इसको

मैं जादू की पुड़िया।

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