गुरुवार, 21 अक्तूबर 2010

ताजा खबर

रतन चन्द रत्नेश

चश्मा चढ़ाए आंखों पर,
बिल्ला जी पढ़ रहे थे अखबार।
एक खास खबर को वे
बांच रहे थे बार-बार।

तभी
रसोई से चीखी बिल्ली,
बाद में पढ़ना यह अखबार।
बच्चों ने नाश्ता करना है,
चूहे मार लाओ दो चार।

बिल्ला
बोला, तुम्हें खबर है
क्या कर रही अपनी सरकार।
चूहे अब मिला करेंगे,
खुलेआम बीच बाजार।
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6 टिप्‍पणियां:

रानीविशाल ने कहा…

सही है ....बिल्ला बिल्ली की तो निकल पड़ी , अब मेहनत नहीं करनी पड़ेगी :)
मज़ेदार कविता .
अनुष्का

Akshitaa (Pakhi) ने कहा…

बहुत प्यारा शिशु-गीत...बधाई.


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'पाखी की दुनिया' में पाखी की इक और ड्राइंग...

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून ने कहा…

लयात्मकता कुछ और बढ़ायी जा सकती थी...कविता अन्यथा बहुत सुंदर है

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

शिशुगीत बहुत ही बढिया है!
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आपकी पोस्ट को बाल चर्चा मंच में लिया गया है!
http://mayankkhatima.blogspot.com/2010/10/24.html

Anamikaghatak ने कहा…

bachpan yad a gaya..........badhiya

Dr. Zakir Ali Rajnish ने कहा…

नटखट कविता।