श्याम सुन्दर अग्रवाल
काले रंग का कौवा होता,
काली ही कोयल होती ।
कोयल का सम्मान करें सब,
कौवे की दुर्गति होती ।
रंग से कुछ फर्क न पड़ता,
पड़े गुणों का मोल ।
कौवे की कर्कश काँव-काँव,
कोयल के मीठे बोल ।
प्यार अगर पाना है बच्चो,
मधुर आवाज निकालो मुख से,
कानों में रस घोलो ।
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1 टिप्पणी:
बहुत सुन्दर पोस्ट!
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इसकी चर्चा यहाँ भी है-
http://mayankkhatima.blogspot.com/2010/07/9.html
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