1.कान नहीं हैं, नाक नहीं है,
सीने पर कई दांत।
बिन मुख गाऊँ सभी राग मैं,
सदा करूँ रसीली बात।
2.सूरज-सा मेरा नाम है,
उस सा ही रूप बनाऊँ।
उसकी ओर ही करके मुखड़ा,
संग-संग चलता जाऊँ।
3.श्याम वर्ण और तीखे दांत,
लचक-लचक चले नारी।
जिससे मिले उसी को काटे,
तो भी लोग कहें उसे ‘आ री’।
4.रात-रात भर खुशबू देती,
खूब खिलाती फूल।
दिन निकले तो फूलों को,
महकाना जाती भूल।
5.हजारों घूमें बाग-बाग में,
मुँह से लाकर किया इकट्ठा।
उन्हें भगा कोई लूट ले गया,
रस चीनी से भी मीठा।
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उत्तर:1.हारमोनियम 2.सूरजमुखी 3. आरी 4. रजनीगंधा 5. शहद
3 टिप्पणियां:
वाह, एक से बढ़कर एक...बधाइयाँ.
पहेलियों से बहुत सुन्दर पोस्ट सजाई है आपने!
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बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
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आपकी पोस्ट की चर्चा तो बाल चर्चा मंच पर भी है!
http://mayankkhatima.blogspot.com/2010/11/28_15.html
वाह.....बहुत सुंदर पहेलियाँ.....मेरी सहेली सोनिया को भी बहुत ही पसंद आई यह पोस्ट....
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