बुधवार, 2 जून 2010

छुट्टियां हुईं स्कूल में

श्याम सुन्दर अग्रवाल

छुट्टियां हुईं स्कूल में,
लग
गई अपनी मौज

शर्बत
पीते, कुलफी खाते,

मिलते नए-नए भोज

होमवर्क की रही चिंता,
खेलेंगे सब खेल

सैर-सपाटे को निकलेंगे,
चढ़कर लम्बी रेल



घूमेंगे मम्मी-पापा संग,

ऊटी और बैंगलूर

राजा का महल देखेंगे,
जब
जाएंगे मैसूर


हैदराबाद का म्यूजियम,

और
सुंदर चारमीनार

दिखलाएंगे पापा हमको,
अवश्य
ही इस बार
-0-

5 टिप्‍पणियां:

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

बहुत प्यारी बाल कविता

Kajal Kumar ने कहा…

वाह बहुत सुंदर

रावेंद्रकुमार रवि ने कहा…

बढ़िया होने के कारण
चर्चा मंच पर इस पोस्ट की चर्चा
निम्नांकित शीर्षक के अंतर्गत की गई है –
इस दुनिया में सबसे न्यारे!
--
टर्र-टर्रकर मेढक गाएँ -
पेड़ लगाकर भूल न जाना!

माधव( Madhav) ने कहा…

sundar

दीनदयाल शर्मा ने कहा…

सुन्दर बाल कविता.....वाह!!!!!