छुट्टियां हुईं स्कूल में,
लग गई अपनी मौज ।
शर्बत पीते, कुलफी खाते,
मिलते नए-नए भोज ।
होमवर्क की रही न चिंता,
खेलेंगे सब खेल ।
सैर-सपाटे को निकलेंगे,
चढ़कर लम्बी रेल ।
घूमेंगे मम्मी-पापा संग,
ऊटी और बैंगलूर ।
राजा का महल देखेंगे,
जब जाएंगे मैसूर ।
हैदराबाद का म्यूजियम,
और सुंदर चारमीनार ।
दिखलाएंगे पापा हमको,
अवश्य ही इस बार ।
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5 टिप्पणियां:
बहुत प्यारी बाल कविता
वाह बहुत सुंदर
बढ़िया होने के कारण
चर्चा मंच पर इस पोस्ट की चर्चा
निम्नांकित शीर्षक के अंतर्गत की गई है –
इस दुनिया में सबसे न्यारे!
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टर्र-टर्रकर मेढक गाएँ -
पेड़ लगाकर भूल न जाना!
sundar
सुन्दर बाल कविता.....वाह!!!!!
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