फ्रांस का प्रसिद्ध योद्धा हुआ नेपोलियन। उसने रूस पर आक्रमण करना था। राह में ऐल्पस की दुर्गम पहाड़ियां थीं।ऐल्पस की पहाड़ियों को पार करना बहुत ही कठिन कार्य था। सेनापति ने नेपोलियन से कहा, “ सामने ऐल्पस की पहाड़ियां हैं, उन्हें कैसे पार करेंगे?”
नेपोलियन ने सेनापति की बात की ओर कोई ध्यान नहीं दिया और सेना को आगे बढ़ने का आदेश दिया।
कुछ दिनों पश्चात नेपोलियन ने सेनापति से पूछा, “वे ऐल्पस की पहाड़ियां कहाँ हैं?”
सेनापति ने सिर झुका लिया और कहा, “पीछे रह गई हैं।”
यह नेपोलियन का साहस ही था जिसने पूरी सेना के साथ ऐल्पस की दुर्गम पहाड़ियों को बिना कठिनाई के पार कर लिया।
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2 टिप्पणियां:
tabhee to wah yahan hai.narayan narayan
सुंदर
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