बच्चों के निर्मल मन की गहराइयों तक उतरने की चाह
bahut achha
nice
गिलहरी और ज़िराफ़ की बेजोड़ दोस्ती को सहज -सरल भाषा में व्यक्त करना कठिन काम है , जिसको अग्रवाल जी ने सहजग्राह्य बना दिया है ।
"अविस्मरणीय फ़ोटो और अनूठी कविता!" ओंठों पर मधु-मुस्कान खिलाती, रंग-रँगीली शुभकामनाएँ!नए वर्ष की नई सुबह में, महके हृदय तुम्हारा!संपादक : "सरस पायस"
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4 टिप्पणियां:
bahut achha
nice
गिलहरी और ज़िराफ़ की बेजोड़ दोस्ती को सहज -सरल भाषा में व्यक्त करना कठिन काम है , जिसको अग्रवाल जी ने सहजग्राह्य बना दिया है ।
"अविस्मरणीय फ़ोटो और अनूठी कविता!"
ओंठों पर मधु-मुस्कान खिलाती, रंग-रँगीली शुभकामनाएँ!
नए वर्ष की नई सुबह में, महके हृदय तुम्हारा!
संपादक : "सरस पायस"
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