बच्चो, आपने घूमने वाला लट्टू अवश्य देखा होगा। उसे जमीन पर घुमाया या नचाया भी होगा। लट्टू को नाचते हुए देखना सभी को बहुत अच्छा लगता है। एक बार छोड़ने पर लट्टू काफी देर तक घूमता रहता है। गति बहुत कम हो जाने पर ही वह गिरता है। तेज गति से घूमते लट्टू को अगर हल्का-सा छू भी लें तो वह गिरता नहीं। आखिर घूमता हुआ लट्टू गिरता क्यों नहीं?
बच्चो, यह सारा कमाल लट्टू की तेज गति के कारण पैदा होने वाली गतिज ऊर्जा का है। एक बार जब कोई वस्तु घूमना शुरू कर देती है तो घर्षण के न होने पर वह घूमती रहती है। लट्टू पर जब धागा कस कर बाँध के खींचा जाता है, तो यह गोलाई में घूमने लगता है। घूमने के इस काम में लट्टू का संतुलित भार भी मदद करता है।अगर लट्टू का आकार ठीक गोलाई में नहीं हो तो वह घूमता नहीं। घूमते वक्त लट्टू का झुकाव बाहर की ओर होता है, इससे भी घूमने में उसे मदद मिलती है। लट्टू के घूमने की गति जितनी तेज होगी, उसे उतनी ही अधिक ऊर्जा मिलेगी। वह अधिक देर तक घुमेंगा। तेज गति वाले लट्टू को रोकना भी उतना ही कठिन होता है। हवा के घर्षण से जब इसकी गति बहुत धीमी हो जाती है, तभी लट्टू गिरता है, तब इसे ऊर्जा जो नहीं मिलती।
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