
रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
प्यारा-प्यारा चंदा मामा
लिए साथ में आता तारे
पंख लगाकर सूरज आता
रोज सवेरे पास हमारे
तितली को सुन्दर रंगो के
ये कपड़े पहनाए किसने
ठण्डी-ठण्डी हवा चलाई
सुन्दर फूल खिलाए किसने?
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1.कान नहीं हैं, नाक नहीं है,
सीने पर कई दांत।
बिन मुख गाऊँ सभी राग मैं,
सदा करूँ रसीली बात।
2.सूरज-सा मेरा नाम है,
उस सा ही रूप बनाऊँ।
उसकी ओर ही करके मुखड़ा,
संग-संग चलता जाऊँ।
3.श्याम वर्ण और तीखे दांत,
लचक-लचक चले नारी।
जिससे मिले उसी को काटे,
तो भी लोग कहें उसे ‘आ री’।
4.रात-रात भर खुशबू देती,
खूब खिलाती फूल।
दिन निकले तो फूलों को,
महकाना जाती भूल।
5.हजारों घूमें बाग-बाग में,
मुँह से लाकर किया इकट्ठा।
उन्हें भगा कोई लूट ले गया,
रस चीनी से भी मीठा।
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उत्तर:1.हारमोनियम 2.सूरजमुखी 3. आरी 4. रजनीगंधा 5. शहद